मन में एक हलचल सी थी,
धुआं था पर आग ना थी।
पूछ रही थी ज़िन्दगी मुझसे,
ये सही था या एक गलत राह थी।
बरसों से एक दुनिया बसाई थी मैंने,
कुछ सुहाने सपने बुने थे अपने।
पर आज सब छोड़ आया हूँ मैं,
एक नया जहाँ चुन लिया मैंने।
दिख रहा है ये रास्ता कठिन मगर,
कठिनाईयां ही लक्ष्य तक पहुंचाती हैं।
अड़चने तो आती हैं बहुत सी इस राह में,
पर, यही तो जीने की कला सिखाती हैं।
धुआं था पर आग ना थी।
पूछ रही थी ज़िन्दगी मुझसे,
ये सही था या एक गलत राह थी।
बरसों से एक दुनिया बसाई थी मैंने,
कुछ सुहाने सपने बुने थे अपने।
पर आज सब छोड़ आया हूँ मैं,
एक नया जहाँ चुन लिया मैंने।
दिख रहा है ये रास्ता कठिन मगर,
कठिनाईयां ही लक्ष्य तक पहुंचाती हैं।
अड़चने तो आती हैं बहुत सी इस राह में,
पर, यही तो जीने की कला सिखाती हैं।
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